अपने आंसुओं में
ह्रदय रक्त मिला
ओठों की मुस्कान ले
रंगोली सजाई
जब पड़ी
योगी चरण धूलि
आंसू मोती बने
रक्त में लालिमा आई
मुस्काई अधरों की मुस्कान
रंगोली में भर गए रंग
माथे पर बिंदिया दमकी
पगली ने मांग सजाई
चुनकर पुष्प सुगन्धित
जतन से कोमल कलियाँ
बुहार कर पलकों से
राह में सजाये
सहलाया जब
योगी क़दमों ने
पुष्पों की सुगंध महकी
लिया माथे से लगाये
बना पुष्प का कंठहार,
कंगना व बाली पहनी
कलियों से भर मांग
पगली खड़ी शर्माए.
ह्रदय रक्त मिला
ओठों की मुस्कान ले
रंगोली सजाई
जब पड़ी
योगी चरण धूलि
आंसू मोती बने
रक्त में लालिमा आई
मुस्काई अधरों की मुस्कान
रंगोली में भर गए रंग
माथे पर बिंदिया दमकी
पगली ने मांग सजाई
चुनकर पुष्प सुगन्धित
जतन से कोमल कलियाँ
बुहार कर पलकों से
राह में सजाये
सहलाया जब
योगी क़दमों ने
पुष्पों की सुगंध महकी
लिया माथे से लगाये
बना पुष्प का कंठहार,
कंगना व बाली पहनी
कलियों से भर मांग
पगली खड़ी शर्माए.
10:08p.m., 15/5/10
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आपने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं रचनात्मक टिप्पणी दी, इसके लिए हृदय से आभार.