देखो मेरे दर्द ने तुम्हे कवि बना दिया
मेरे दिए आंसुओं ने रचना को निखार दिया
कह गए तुम, यूँ जाते-जाते, समझाते
जाने क्यों, तुम्हे हैं, तीर चुभाने ही भाते
कहते हो, मुझसे ही करते हैं नेह
हर मिलन में हो अवसाद भर जाते
और मेरे मौन को हो स्वार्थी कह जाते
मुझे निर्भीक प्रेम, त्याग की महिमा समझाते हो
स्वयं छुपकर मेरी गलियों से निकल जाते हो
बातें तो बड़ी-बड़ी बनाना तुम्हे भाए
प्रेम के मर्म को पर क्या जान पाए
होता जो स्नेह तो क्या मेरे अश्रु तुम्हे भाते
मौन रहे मेरे अश्रु क्या तुम्हे ना रुलाते
नहीं चाहिए लेखनी का उच्चकोटि होना
गर है आंसुओं का इनकी कीमत होना
कहते तुम, नहीं चाहता तुझे छुए गम की परछाई भी
बस मुस्काते होंठ, नैनो में चमक, ह्रदय में उमंग ही
तुम ना कहते देखो दर्द ने रचना को निखार दिया
कहते मेरे प्रेम ने तुम्हारे रूप को और संवार दिया
.
गर कहीं तुमको मुझसे प्रेम होता
गर मेरा दर्द तुम्हारे दिल में रोता
मेरे दिए आंसुओं ने रचना को निखार दिया
कह गए तुम, यूँ जाते-जाते, समझाते
जाने क्यों, तुम्हे हैं, तीर चुभाने ही भाते
कहते हो, मुझसे ही करते हैं नेह
पर क्यूँ नजर आयें, सबको संदेह
हर मिलन में हो अवसाद भर जाते
और मेरे मौन को हो स्वार्थी कह जाते
मुझे निर्भीक प्रेम, त्याग की महिमा समझाते हो
स्वयं छुपकर मेरी गलियों से निकल जाते हो
बातें तो बड़ी-बड़ी बनाना तुम्हे भाए
प्रेम के मर्म को पर क्या जान पाए
होता जो स्नेह तो क्या मेरे अश्रु तुम्हे भाते
मौन रहे मेरे अश्रु क्या तुम्हे ना रुलाते
नहीं चाहिए लेखनी का उच्चकोटि होना
गर है आंसुओं का इनकी कीमत होना
कहते तुम, नहीं चाहता तुझे छुए गम की परछाई भी
बस मुस्काते होंठ, नैनो में चमक, ह्रदय में उमंग ही
तुम ना कहते देखो दर्द ने रचना को निखार दिया
कहते मेरे प्रेम ने तुम्हारे रूप को और संवार दिया
.
गर कहीं तुमको मुझसे प्रेम होता
गर मेरा दर्द तुम्हारे दिल में रोता
5:40pm, 21/4/10.
होता जो स्नेह तो क्या मेरे अश्रु तुम्हे भाते
ReplyDeleteमौन रहे मेरे अश्रु क्या तुम्हे ना रुलाते
नहीं चाहिए लेखनी का उच्चकोटि होना
गर है आंसुओं का इनकी कीमत होना
waah jitni sunder rachna hai utni hi sunder aapki pic bhi .........badhai ............
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ReplyDeletebahut gahri vedna hai in shabdon mein...
ReplyDeleteहोता जो स्नेह तो क्या मेरे अश्रु तुम्हे भाते
मौन रहे मेरे अश्रु क्या तुम्हे ना रुलाते
गर कहीं तुमको मुझसे प्रेम होता
गर मेरा दर्द तुम्हारे दिल में रोता
bahut badhai aur shubhkaamnaayen Prritiy.
प्रेम की चाहत कभी कम नहीं होती,
ज़िन्दगी बस दुनियादारी में कटती है,
कमबख्त ये दुनिया बहुत रुलाती है.