तुम नहीं आये
तुम्हारे वो झूठे-सच
सच्चे हो जाते
तुम्हे हरपल जो कहा
कभी तो सच बोलो
वो मेरी उलाहना
लज्जित हो जाती
आँखों में भरा अविश्वास
अश्रु बन जाता
अच्छा किया
तुम नहीं आये
पर गर तुम आ जाते
मेरे अश्रु मुक्ति पा जाते
नैनो में विश्वास भर लाते
लज्जा गहना बन जाती
बोल मोती बन जाते
उलाहना मूक हो जाती
तुम्हारे झूठ मधुर हो जाते
प्रीत सच्ची हो जाती
.
.
अच्छा किया
तुम नहीं आये
3:33pm, 16/4/10
Nahi aaye.......... ek aas ke sahare.
ReplyDeleteek peeda... id gahra dard hai isme... dhanya ho priti ji dhanya ho...