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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Monday, January 30, 2012

क्यूँ तुम तुम न रह सके


मन में वो जो एक नेह-दीप जला
जग को क्या मुझे ही न पता चला

Tuesday, January 24, 2012

ये दिल लगाया

हमने  तो  ये  दिल  लगाया  है  जबसे
दुनिया  का  कोई डर  नहीं  रहा  तबसे

Saturday, January 14, 2012

आईने की रंगत


मैं ना बदली भले ये दुनिया बदल गयी

मेरे दिए फूल की काया, भले सूख गयी
पर उनकी रूह की तड़प, जानो, वहीं रह गयी

Wednesday, January 11, 2012

प्रीत की रीत


प्रीत   की  रीत  क्या  सच, जाने  ना  कोई 
या  जान  कर  भी  अनजान, है  बने  कोई

Thursday, January 5, 2012

नही मिलन का निलय


प्रणय पंछी के प्रारब्ध में, नही मिलन का निलय
ना मिलते उस राह, जो हो रही अलगाव में विलय