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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Monday, February 27, 2012

जिंदगी मिलती है?


छोडूँ  मैं  या  छोडो  तुम, दोनों  ही  हाथ  छूटते  हैं
जाऊँ   मैं  या  जाओ  तुम, दोनों   के  ख्वाब  टूटते  हैं

आगे  बढूँ  मैं, बढ़ो  आगे  तुम, दोनों  ही  कदम  जुड़ते  हैं
हाथ  बढाऊँ  मैं  और  बढाओ  तुम, तब  ही  हाथ  जुड़ते  हैं

कुछ  बोलूं  मैं, कुछ  बोलो  तुम, चुप्पी  तभी  टूटती  है
कुछ  सुलझुं  मैं,  कुछ  सुलझो  तुम, उलझन  तभी  छूटती  है

जो  रूठूं  मैं  और  रूठ  जाओ  तुम, किस्मत  तभी  रूठती  है
जुदा  रहूँ  मैं  और  जुदा  रहो  जो  तुम, दुनिया  तभी  लूटती  है

मुस्कुराऊँ  मैं, मुस्कुराओ  तुम,  मोहब्बत  फिर  खिलती  है
तुम्हारी  बनूँ  मैं और  मेरे  बनो  तुम, जिंदगी  फिर  मिलती  है

3.43pm 26/2/2012



Thursday, February 23, 2012

Bounded


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Set you free
But myself?
How to set ‘me’ free



Free of ‘love’ for you
stifling the hopes.
But to free myself….
Hope! Hopes against hope

Let you go,
to take your hand away.
But me, still waiting….
Staring, my hand in disbelief.


Close your heart,
ignore my pain.
But my heart ripped….
Bleeding, writhing for you.


Set you free
But
How to set ‘me’ free

12.44pm, 23/2/2012

मुक्त किया मैंने


लो  अपना  बंधन  हटा  मुक्त  किया  मैंने 
कह  तो  दिया,  तुम्हे,  मेरे  बाँवरे  मन  ने
कभी  न   मिलेगी  आजादी  इस  दिल  को
पगली  तो  चाहे  है,  हरपल  बस  तुम्ही  को

भर  लिया  है  इन्तजार  हर  पल  का
अब, अब आएगा  संदेसा  मेरे  नाम  का
द्वार  को,  बेचैन  मेरी  अँखियाँ,  तकती  हैं
नाम  तेरा  ले  अब  भी  सांसें  मेरी  चलती  हैं


आस  मेरी  टूटकर  भी  नहीं  है  टूटती
विश्वास  की  चांदनी  जरा  भी  न  घटती
कहता  है  मन,  प्रियतम  मेरे,  तुम  आओगे
मेरा   नेह  दिल  से  तुम  भी  न  भुला  पाओगे

रोते  नैन  भी  तब  मुस्कुरा  देते  हैं
ओंठ  मेरे जब  भी  नाम  तेरा  लेते  हैं
तेरे  नाम  की  बिंदिया  सजा  लेती  हूँ
दर्द  को  आँखों  का  कजरा  बना  लेती  हूँ


आजाद  किया  तुमको, ओ  प्रिय  मेरे
कि  लौट  आओ,  बनके,  अब  बस  मेरे
लेंगे  हम मिलकर,  जीवन  के,  हर  फेरे
मैं  सदा  रहूँ  तुम्हारी, तुम  रहो  सदा  मेरे
4.13pm, 22/2/2012 


Saturday, February 11, 2012

I promise

 
Today I promise to be

more patient towards myself n others

more caring towards myself n others
more forgiving towards myself n others
more loving towards myself n others


Today I promise to

remain positive as always
try to spread joy as always
hold back my tears as always
wipe tears of as many as always


Today I promise to keep on

sowing seeds of affection in hearts always
being by the side of friends silently as always
believing on words, promises n tears as always
believing in inherent goodness of people as always


Today I promise to
let you be You always
Today I promise to
be Me always :)

11.30am,[edited] 12.24pm 11 feb, 2012