ब्लॉग में आपका स्वागत है

हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Wednesday, July 25, 2012

अबकी



मैंने  दिवास्वप्न  में  प्रीति  के  दिए  जलाये  हैं 
अबकी  बहार  को  मेरा  आँगन  सजाना  ही   है 


मनभावन  रंगों  से स्वप्न  रंगोली  बनानी  है 
कि  मुस्काए,  आहा   रंगों  से  भरा  जीवन  है 

राहों  को  सुगन्धित पुष्पों   से  सजाया   है 
आए  वो  बहार  तो  कहे  यहीं  का  हो  रहना  है 

तारों  से  सजा, उजली  उनकी  राह  करनी  है 
वो  कहें  मिट  गया  मन  का  सारा  अँधियारा  है (11.52pm, 15/7/2012)

पत्रों  की  हरीतिमा  को  जतन  से  लगाया  है 
कि  मन  सदा  कहे  जीवन  में  बसी  हरियाली  है 

स्व  को  किया उनकी  चरणों  का  आधार  है 
कि  वो  सोचें 'प्रीति' बिना  कैसे  कदम  बढ़ाना  है 
2.44pm, 19/7/2012



Saturday, July 21, 2012

हासिल होता है



कोशिशें करें  तो  हासिल  सब  होता  है 
कहते  हैं  खुदा  भी  तब  संग  होता  है 
तोड़ना  न  चाहे  कोई  मान  लिया  जाये 
पर  जुड़े  रहने  का  भी  तो  जतन  होता  है 
माना  कहा  दिलरुबा  ने  न  रूठेंगे  तुमसे 
पर  रूठ  जाने  का  भी  कुछ  सबब  होता  है 
दिलबर  दिल  में  रहबर  बन  रहे  तो  चाँद  रोशन 
वरना  बदली  छाये, चांदनी  जाये  तो  क्या  होता  है 
राहें  मोड़कर  हमसफ़र  ने  मंजिल  का  पता  बदला 
उनसे  अब  रूठकर  भी  प्रीति  को  हासिल  क्या  होता  है 
चट्टानों  के  दिल  से  भी  झरना  बहा  है 
कोशिशें  करें  तो  हासिल  सब  होता  है 
12.37pm, 21//2012

Tuesday, July 17, 2012

fake friendship



feigned fake smile

feeds friendship a while

foretells flimsy life

flowerless feelings rife

1.34am, 17/7/2012

 


fib feebles
fades feelings
festers faith
fatal for friendship
1.34pm, 17/7/2012

Sunday, July 15, 2012

The bliss



Ah the bliss

The rain brings

To parched earth

 

Same is life

Your love brings

To my lifeless heart

 

The fresh look

The trees adorn

Drenched by drops

 

Your warm smile

Does my heart adorn

Whenever our love drops

 

The flowers dance

Quivering with joy

As cool breeze blows along

 

My being radiates

Spreading out joy

For, to each other we belong

5.20pm, 7 /7/2012

(lying on bed thinking how love makes us live)

Tuesday, July 10, 2012


मेरी मुस्कान में छिपे आँसू
वो अगर देख पाता और रुक जाता
आज उसकी जिंदगी की मैं बहार होती
और, मेरे मन मंदिर का वो देवता होता

3.01 pm, 29/6/2012

Monday, July 2, 2012

तेरे वादे मेरे वादे


था  वादा  भिगो  स्नेह  वर्षा  में  दोगे
था  वादा  भी  संग  मेघ  वर्षा  में  डोलोगे
कहते  थे  कभी  न  पड़ने  बुरी  नजर  दोगे
कहते  थे  बाहों  में  हरदम  थामकर   रखोगे

न  कहा  नजर  हरदम  तेरी  ही  और  होगी  
न  कहा  मैंने  तेरी  उठती  पलकों  से  भोर  होगी
न 
किया  वादा  तेरी  हमराह  मेरी  डगर  होगी
न  किया  वादा  होठों  से  देह  मेरी  हमसफ़र  होगी

सुन मेरी  हिचकी  दर्द  का  भान  करते  हो
वर्ना  अस्तित्व  मेरा  भूले  मुस्काए  रहते  हो
मेरे  वीरानों  में  एक  तुम  ही  तो  साथी  हो
मेले  में  भी  रहते  हरदम  मेरे  साथ  ही  हो

तुमने  किये  वादे  कई  दिवास्वप्न  दिखाए  भी
बीच  राह  छोड़  चल  दिए  डगर  सब  भुलाये  भी
बिन  वादे  तुम्हारे  सपनों  को 
नैनों  में  लिया  बसाये  भी
फिरती  रहती  हूँ  आज  तक  तेरी  'प्रीति' सीने से  लगाये  भी

1.03pm, 15/6/2012