ब्लॉग में आपका स्वागत है

हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Wednesday, March 24, 2010

मन की लगन


चाहें सब तेरी बगिया का गुलाब बनना
हम चाहें तेरे पाँव तले हरी दूब बनना
चरण-धूलि का हो माथे पर सजना
हो निष्कंटक सदा तेरी राह सजना 



चाहें सब सूरज से रोशन दिन तुम्हारे
हम दिए की लौ बन रहे आँगन तुम्हारे
जगमगाए नेह से द्वार से किनारे
हो ना अंधकार दिल के किसी किनारे



चाहें सब तुझ पर अधिकार पाना
हम तेरी सेवा करने का भाग्य पाना
आँगन बुहारना, तेरी क्षुधा मिटाना
हृदय  की हर पीड़ा को मिटाना

1:22pm, 24/3/10

Tuesday, March 23, 2010

हँसकर बोले वो- चले गए तुम?



तुमसे क्या शिकायत करें
तुम भी ज़माने का हिस्सा हो
चाहत की बातें सभी करें
जैसे चाहत कोई किस्सा हो

हम मर गए उनकी बेरुखी से
जो बोले तुम रूह का हिस्सा हो
भुला दिया दर्द को आसानी से
जैसे किताबों में लिखा किस्सा हो

हँसकर बोले वो- चले गए तुम?
जैसे ये दिल राख का हिस्सा हो
दो पल मुलाकात कर, चले गए तुम
जैसे मेरी चाहत अतीत का हिस्सा हो

6:49pm, 23/3/10

हम अंगारों के हवाले



अंधियारे में जो बहते आंसू सब जान जाते

हम उजालों की ओट में चले आये

लोग समझे कि चुन्धियाई है आँखें

हम चीत्कार शोर में दबा आये




तुमने कह तो दिया चले जाओ

हम जान तेरे क़दमों में छोड़ आये

अब क्या मारेगा जमाना हमको

हम तो जिंदगी तुझे सोंप आये




दूर तक फैली हैं आंसुओं की लहरें

हम अपने को वहीँ गहरे डुबो आये

इस लाश को ढ़ोकर क्या करे प्रीत

हम आत्म अंगारों के हवाले कर आये

6:30pm, 23/3/10

मै तुम्हारी प्रीत सखे


मैं हूँ पुष्प नाजुक, कोमल
स्नेह स्पर्श आकांक्षी हर पल 
छुअन रखना कोमल अपनी 
बिखर ना जाये जीवन पंखुरी

हूँ लता छुईमुई बलखाती 

स्पर्श से तेरे जीवन पाती 
सहारा रखना सबल अपना 
टूट ना जाये कमर-तना

हूँ पंछी
मैं चंचल, चपल
स्नेह्दाना चुगती पलपल
नीड़ आश्रय रखना संभाले 
कर देना ना आंधी हवाले
 
मैं तुम्हारी प्रीत सखे 
जीवन बस तुझमें दिखे 
नेह चांदनी बरसाए रखना 
बन जाये ना जीवन सपना

12:58, 21/3/10

Saturday, March 20, 2010

मेरा नेह

आप कहते हो, खुश क्यों नहीं रहती
क्यूँ आहों की नदी, है हरदम बहती
क्या सोचते हैं, मुस्कुराने की चाहत नहीं
पंछियों सी चहकने की, आदत नहीं 
 
चाह है बगिया में तेरी, फूलों सी खिलूँ
तेरी बाँहों में, तेरी ही, महक से महकूँ
नयन तेरे प्यार की रौशनी से झिलमिलाएं
प्रीतभरी मुस्कान से दोनों के ह्रदय मुस्काएं

तुम्हारी चाहत, मेरा कर्तव्यपथ है

तुम्हारा साथ, मेरी चिरचाहत है
मेरे नेह से भरी, जीवनयात्रा आसान हो
 
नेह-दीप से, मनआँगन, दैदीप्यमान हो

1.16 a.m. 10/3/10