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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

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Monday, December 22, 2014

pagalpan kya hota hai पागलपन ​ क्या होता है


पागलपन ​ क्या  होता  है
तुमको  मैं  बताऊँ  क्या

तुम  कह  दो  मुस्कान  चाहिए
मैं  कह  दूँ  मंजूर  है

तुम  कह  दो  जान  चाहिए
मैं  कह  दूँ  मंजूर  है

तुम  कह  दो  ईमान  चाहिए
मैं  कह  दूँ  मंजूर  है


पागलपन  क्या  बना  देती
तुमको  मैं  बताऊँ  क्या

तुम  गैरों  संग  नाचते
मैं  छुप  कर  रो  लेती  हूँ

तुम  झूठ  बन  जाते  हो
मैं  छुप  कर  रो  लेती  हूँ

तुम  मुझे  भुला  देते
मैं  छुप  कर  रो  लेती  हूँ


​पागलपन  क्या  करा  देती
तुमको  मैं  बताऊँ  क्या ​

तुमको  तितिलियों  की  चाहत
मैं  बाँहों  की  तितली  बन  जाऊं

तुमको  गैरों  की  चाहत
मैं  स्वयं  गैर  बन  जाऊं
​​
​तुमको  जख्म  देने  की  आदत
मैं  खुद  को  छलनी  कर  जाऊं ​


पागलपन  क्या  होती  है
तुमको  मैं  दिखलाऊँ  क्या

तुम  कहो  तुम्हे  दासी  चाहिए
मैं  स्वयं  को  प्रस्तुत  कर  दूँ

तुम  कहो  तुम्हे  दूरी  भाती
मैं  खुद  को  ओझल  कर  दूँ

तुम  कहो  तुम्हे  आजादी  भाती
मैं  अपनी  रूह  आसमान  कर  दूँ
1.23pm, 18 dec, 14

Friday, December 12, 2014

तुम मैं

 
तुम  बैठे  इक  शिला  पर,  निहारते  प्रकृति
मैं  तुम्हारे  घुटनों  पर  सर  टिकाये  बैठी  होती
हवा  मेरी  लटों  से  खेलती  उन्हें  बारम्बार  उलझाती
यूँ  खोये  खोये  तुम्हारी  उँगलियाँ  मेरी  लटें  सुलझाती

सुनहरे  रथ  पर  सवार  उसने  तुम  पर  किरणें  वारी
मन  मुदित  मेरा  होता   देख  प्यारी  वो  छवि  तुम्हारी
काश  गुजर  जाती  यूँ  ही  तुम्हे  निहारते  जिंदगी  सारी
उस  पल  पर  कर  दूँ  अपनी  सारी  जिंदगी  ख़ुशी  से  वारी

साँझ  की  बेला  का  भ्रमण  थाम  मेरा  हाथ
कुसुमदलों, हरे-पीत  पत्रों, तितलियों  का  साथ
बयार  संग  मेरी  लटों  तुम्हारे  कपोलों  की  बात
तुम्हारे  गीत  से  तरंगित  गाता  मेरा  हृदय  साथ

श्याम  चूनर  सजा  नभ  का  मन  मोहना
तारों  का  खेल  देखना  संग  तुम्हारे  हृदयमोहना
मेरे  मन  की  पीर  तुम्हारी  बातों  का  सब  हर  लेना
तुम्हारे  होंठों  पर  मुस्कान  सजी  रहे  मेरा  दुआ  करना

कहने  को  कितना  सादा  सा  है  मेरा  ये  सपना
कि  तुम  बस  तुम  ही  कहते  मुझे  सदा  ही  अपना
पर  ये  रह  जायेगा  बस  मेरी  भीगी  आँखों  का  सपना
उन  पलों  को  समेट  लूँ  एक  बार  तुम  कहो  जो  अपना

1.58pm, 12 dec, 14