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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Thursday, June 28, 2012

If it was love



if it was love dear
and love is divine
how then is it over
why does my heart pine

i danced to his tunes
trying, matching his rhythm
holding hard in dunes
being non-believer, seldom

it was so precious dear
need rains to hide tear
he said-love you a lot
stay 'with' you but not

he would take me to  land of dreams
and say, dream with me many dreams
of small love bites and baby in arms
high or low, being in each other's arms

one day he said- let anyone near,
anyone touches you, now can't bear
then.... just a few hours passed
the dreams, words, smile... had passed

no words for days i heard
silence, to my calls, all heard
he made me believe love is divine
left me, now for me he doesn't pine

7.17pm, 26/6/2012

Monday, June 25, 2012

तस्वीर बदली चाहत नहीं


मैंने  तस्वीर  बदली

चाहत  नहीं

बाहर  की  रंगत  बदली

सीरत  नहीं


मैंने  कहना  छोड़ा

करना  नहीं

हाल  दिखाना  छोड़ा

तड़प  नहीं


मैंने  बताना  छोड़ा

साथ  नहीं

सहारा  लेना  छोड़ा

संभालना  नहीं


मैंने  श्रृंगार  छोड़ा

संवारना  नहीं

'प्रीति' जताना  छोड़ा

चाहना  नहीं

5.41pm, 21/6/2012

Thursday, June 21, 2012

फिर कली बना दो

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तुम कहते हो
प्यार नही है
नफरत है मुझे
गर ऐसा ही है तो
क्यूँ नही कहती
छोड़ आओ
तुम सबको
       मेरे लिए (1.25 am)
 
तड़पती हूँ दिन रैन
सिर्फ तुम्हारे लिए
क्यूँ है परवाह
उनकी जो तुम्हारे हैं
रोती हूँ
पर रुलाना नही चाहा
तुम्हारे उन अपनों को
जिन्हें मैंने
अलग ना किया
ना सोचा करूँ
पर मुझे उन्होंने
मेरी आत्मा से ही
जुदा कर दिया
ये भी लगता है
गर तड़पकर
एक आवाज दूँ
तो शायद चले आओगे
तुम मेरे लिए
शायद
पर आजमाया नही
ये जानते हुए भी
कि तुम्हारे अपनों
को वो पीड़ा
हो ही नही सकती
क्यूँकि उनके
या तो एक बेटे हो
या एक भाई, या एक पोते.
प्रीत नहीं, जो मेरे हो....
एक तुम  ही सबकुछ हो
एक रिश्ते में
सारे रूप धारे
साथी, सहारे
सपनों के पिता
पर फिर भी
नहीं माँगा
तुमसे अपना प्यार
बस कहा था
एक कोशिश करो
सच्ची कोशिश
उन्हें छोड़ने की नही
मुझे अपनाने की .
तुम कहते हो
नफरत है मुझे
हाँ है
अथाह
नफरत है मुझे
अपने आप से
उस एहसास से
जो पल गया भीतर
जो सालता है
हर पल, हर जगह
जो फूल खिला गए
तुम मेरे भीतर
कैसे उसे फिर
कली बना दूँ
आता है तुम्हे
तो बता दो
कि फिर भावों को
बंद कली बना दूँ

11.11am, 17/6/2012

Friday, June 15, 2012

बातें 'प्रीति' की बेमानी हैं


दिल  में  मेरे  हो,  हो  मेरे  नहीं
कैसी  ये  इस  दिल  की  कहानी  है
कहते  हो  हूँ  तेरा, तेरा  पर  नही
सुनकर  इस  दिल  को  हैरानी  है

समझाती  हूँ  बहुत  सुनता  नहीं

कैसी  दी  ये  दिल  ने  परेशानी  है
कहे  है, है  ये  प्यार  मानता  नहीं
कैसे  अब  कहूँ  दिल  ये  नादानी  है

नेह  है, है  पर  जताना  नहीं

बात  तुझे  दिल  ये  बतानी  है
वो  तो  दे, देना  तू  वो  ताना  नहीं
कहते  हैं  मुझे,  दिल, तू  दीवानी  है

दिखाए  सपने  पर  पूरे  करें  नहीं

ये  रीत  जग  की  दिल  तो  पुरानी  है
मैं  उनके  दिल  में  हूँ, हूँ  या  नहीं
बातें  'प्रीति' की  दिल  ये  बेमानी  हैं

3.20pm, 14/6/2012

Friday, June 8, 2012

when you were here




when you were here
pain, so easy to bear
your hand in my hand
anywhere joy would land

the home of my dreams
jingle of bangles, dreams
flowers adorned the house
shedding the dust still rouse

laden with fragrance, breeze
floods with memories, no ease
soft warmth of morning rays
your embrace, ah those days!

if only we had been together
life would have been brighter
our house would be my world
around you i would have twirled 
6.10pm, 3/5 2012

Sunday, June 3, 2012

कैसे छू लूँ अब मैं


 कहते  हैं  'आपके  लायक  नही  हूँ ', वो
 
पोंछते  हैं  मेरे  बहते  अश्रु, वो
 
संवारते  हैं  मेरे  बिखरे  केश, वो 
 
कहती  हूँ  ये  हाथ  स्वप्न  हैं, मैं

दीप  जला  रोज  धृत  से  भरते  रहे, वो
मुझे  हर  पल  अपने  पास  बुलाते  रहे, वो
मेरे  होठों  पर  मुस्कान  सजाते  रहे, वो
समझाती  रही  स्व  को  मरीचिका  है, मैं

अपने  रंगीन  सपने  सुनाते  रहे, वो
उन  सपनों  में  स्थान  दिखाते  रहे, वो
मेरी  सूनी  आँखों  में  आस  भरते  रहे, वो
कहती  रही - नासपने  बहुत  सुंदर  हैं, मैं

तुम  जीवन  संगिनी  हो  कहते  हैं, वो
तुम  और  मैं  एक  हैं  समझाते  हैं, वो
पास  रहो  पर  दूर  चली  जाओ  चाहते  हैं, वो
अब  मुस्काऊँ  कैसे, अब  जियूं  तो  कैसे, मैं

बतातेमेरी  सम्पूर्णता  है  केवल  तुमसे, वो
कहते  हैं - तुम  मेरी  अंश  की  जन्मदात्री, वो 

जतलाते  हैं  मिलन  है  आत्मा  का  पारलौकिक, वो
कैसे  इस  लोक  में  किसी  और  को  अब  छू  लूँ, मैं
12.22pm, 30/5/2012