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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)
Monday, June 25, 2012
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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
उत्कृष्टता बरकरार है |
ReplyDeleteसतत आभार है ||
bahut gahra likhti hain aap. kavita bhav aur shabd vyabjana dono hi drishtiyon se uttam hai. shubhakmanayen !
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत खूब ...
ReplyDeleteचाहना कब 'जताना' का मोहताज़ रहा
मैंने तस्वीर बदली
ReplyDeleteचाहत नहीं
बाहर की रंगत बदली
सीरत नहीं
बहुत महत्वपूर्ण और नेक सोच है. प्रबल भावपक्ष युक्त सुंदर कविता.
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......
ReplyDeleteआज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)
ReplyDeleteमैंने श्रृंगार छोड़ा
ReplyDeleteसंवारना नहीं
bahar kuchh nahi
bhitar bhitar prem ka srot hai
jahan se bhumigat ..jharana bah rahaa hai nirantar ...