दिल में मेरे हो, हो मेरे नहीं
कैसी ये इस दिल की कहानी है
कहते हो हूँ तेरा, तेरा पर नही
सुनकर इस दिल को हैरानी है
समझाती हूँ बहुत सुनता नहीं
कैसी दी ये दिल ने परेशानी है
कहे है, है ये प्यार मानता नहीं
कैसे अब कहूँ दिल ये नादानी है
नेह है, है पर जताना नहीं
बात तुझे दिल ये बतानी है
वो तो दे, देना तू वो ताना नहीं
कहते हैं मुझे, दिल, तू दीवानी है
दिखाए सपने पर पूरे करें नहीं
ये रीत जग की दिल तो पुरानी है
मैं उनके दिल में हूँ, हूँ या नहीं
बातें 'प्रीति' की दिल ये बेमानी हैं
3.20pm, 14/6/2012
वाह ... बहुत ही बढिया
ReplyDeleteदिखाए सपने पर पूरे करें नहीं
ReplyDeleteये रीत जग की दिल तो पुरानी है
मैं उनके दिल में हूँ, हूँ या नहीं
बातें 'प्रीति' की दिल ये बेमानी हैं
लाजवाब एहसास!
सादर
aap ki baaten such mai beamaani hai.
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 21 -06-2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... कुछ जाने पहचाने तो कुछ नए चेहरे .
वाह ... बेकरार प्रेम की झलक मिलती है इस रचना में ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावभीनी रचना....
ReplyDeleteaajkal sab bemani hai...ye duniya ki reet purani hai.
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteI read your post interesting and informative. I am doing research on bloggers who use effectively blog for disseminate information.My Thesis titled as "Study on Blogging Pattern Of Selected Bloggers(Indians)".I glad if u wish to participate in my research.Please contact me through mail. Thank you.
ReplyDeletehttp://priyarajan-naga.blogspot.in/2012/06/study-on-blogging-pattern-of-selected.html