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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

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Friday, February 21, 2014

mere hamraaz मेरे हमराज





मेरा दिल कमजोर नही हमदर्द
तुम क्या जानो बेरुखी का दर्द
कैसे सहता है दिल अनदेखा होना

प्यार में मिलन न होना
और प्यार में प्यार खोना
दो बिलकुल जुदा बातें होती हैं

मिलन न होना भी एक दर्द है
पर प्यार में धोखा, बड़ी टूटन है
ये टूटन मरने न देती, जीने भी नही

उन आँखों में अब प्यार दिखता नही
मेरी खता की लगता है कोई माफ़ी है नही
जाने जिंदगी ने क्यूँ दी मुझे दर्द की बददुआ

क्या हुआ जो तुमने भी कहा था इश्क़ हुआ
तुमसे मुझे हुआ, देती हूँ दिल से तुम्हे बस दुआ
सोचती हूँ हमराज न दूँ तुम्हे मुझे यूँ सहने का दर्द

मेरा दिल कमजोर नही हमदर्द
आह! नही सह सकती बस छल का दर्द
नहीं प्रीत तुम्हे, ये आघात, ये भीषण दर्द

मेरा दिल कमजोर नही मेरे हमराज, मेरे हमदर्द
11.34pm, 20 feb 14

Sunday, February 16, 2014

t​um ho sang to​​ तुम हो संग तो



मेरी  नसों  में  बसते  हो, तुम  तो  जानते  हो
तुमसे  विलग  हो  जाऊं, अब  भला  ये  कैसे  हो
3.43am 15 feb 14

तुम  हो  संग  तो सुंदर  लगे  कुसुम  उपवन
तेरा  साथ ​​ है  तो  झुलाये  मुझे  झूमती  पवन

तेरी  उंगलियां खेलेमेरी  लटों  को  उलझाये
तेरी  मुस्कान  माथे  की  सलवटों  को  सुलझाए  

तेरे  आँखों  की  चमक  समाई  है मेरी  बिंदिया  में
तेरी  हंसी  की  मधुर  खनक  भरी  मेरी  चूड़ियों  में

तेरी  छाया  को  नैनों  में  कजरा  बना  सजाया  है
तेरी  चाहत  से  आज  श्रृंगार  मैंने  अनूठा  किया  है

तुझे  सोच  के  ओढूँ,  शरमाती,  मैं  धानी  चुनरी
इठलाऊँ, तेरी  आँखों  में  देखूं  मैं खुद  को  संवरी

3.25 pm, 15 feb 14

Tuesday, February 11, 2014

anmol tum अनमोल तुम

The precious can be anyone who stood by you. अनमोल वो  जो  आपके साथ दे.


तुझे आजमाना ये कभी सोचा भी नहीं
जान के कभी परीक्षा हमने ली भी नहीं

जिंदगी के झंझावत ने चहुँ ओर से आ घेरा
पर तुमने कभी भी न मुझसे अपना मुँह फेरा

हालत की आँधियों ने मुझे भरमा दिया
तुमने  हर कदम मुझे पलकों में उठा दिया

उलझनों के आज बादल मन से सारे छंट गए
जाना किस अनमोल साथ को इतना सताते रहे
11.17 pm, 10 feb 14

Thursday, February 6, 2014

mai hans rahi hun मैं हंस रही हूँ




तुम्हारी  चाहत  है  मैं  हँसूँ
देखो  ना  अब  मैं  हंस  रही  हूँ
पर  जानते  हो  ना  कुछ  कमी  है
मुस्काती  नैनों  की  चमक  वो  नही  है
फूल  कैसे  झूमे  बिन  अपने  प्रेम  भ्रमर  के
श्रृंगार  का  क्या  मोल  बिन  तेरे  सामीप्य  के
बस  अब  ना  रहना  तुम  मुझसे  यूँ  दूर  दूर  खड़े
आओ  अब  कि  मेरे  मन आँगन  में  रस  फुहार  पड़े
2.40pm, 6 feb 14

Sunday, February 2, 2014

jindgi tujhe salaam...जिन्दगी तुझे सलाम




कठिन होता है रोती आँखों से हँसना
तेरे प्यार में हमने वो भी काम किया
फूट फूट कर जब रो रहा था दिल
हमने औरों को हँसाने का काम किया

रोज दर से तेरे आंसू लिए लौट आते है हम
जाओ खाली हमने तेरे दिल का मकान किया
पर अब नहीं जी सकेंगे ऐसे बिखर के हम
लो हमने जिन्दगी अब तुझे ही सलाम किया

11.20pm, 1 feb 14