ब्लॉग में आपका स्वागत है

हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Sunday, February 2, 2014

jindgi tujhe salaam...जिन्दगी तुझे सलाम




कठिन होता है रोती आँखों से हँसना
तेरे प्यार में हमने वो भी काम किया
फूट फूट कर जब रो रहा था दिल
हमने औरों को हँसाने का काम किया

रोज दर से तेरे आंसू लिए लौट आते है हम
जाओ खाली हमने तेरे दिल का मकान किया
पर अब नहीं जी सकेंगे ऐसे बिखर के हम
लो हमने जिन्दगी अब तुझे ही सलाम किया

11.20pm, 1 feb 14

7 comments:


  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन टेलीमार्केटिंग का ब्लैक-होल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
  2. बेहद शानदार रचना ....बहुत खूब प्रीती जी मज़ा आ गया आज इसे पढ़कर...


    शुभकामनाओ के साथ
    संजय भास्कर

    ReplyDelete
  3. खूबसूरत रचना ... भावमय प्रस्तुति ...

    ReplyDelete
  4. खुबसूरत अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  5. भावपूर्ण रचना....बधाई !

    ReplyDelete

Thanks for giving your valuable time and constructive comments. I will be happy if you disclose who you are, Anonymous doesn't hold water.

आपने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं रचनात्मक टिप्पणी दी, इसके लिए हृदय से आभार.