मेरी नसों में बसते हो, तुम तो जानते हो
तुमसे विलग हो जाऊं, अब भला ये कैसे हो
3.43am 15 feb 14
तुम हो संग तो सुंदर लगे कुसुम उपवन
तेरा साथ है तो झुलाये मुझे झूमती पवन
तेरी उंगलियां खेले, मेरी लटों को उलझाये
तेरी मुस्कान माथे की सलवटों को सुलझाए
तेरे आँखों की चमक समाई है मेरी बिंदिया में
तेरी हंसी की मधुर खनक भरी मेरी चूड़ियों में
तेरी छाया को नैनों में कजरा बना सजाया है
तेरी चाहत से आज श्रृंगार मैंने अनूठा किया है
तुझे सोच के ओढूँ, शरमाती, मैं धानी चुनरी
इठलाऊँ, तेरी आँखों में देखूं मैं खुद को संवरी
3.25 pm, 15 feb 14
बहुत सुंदर :)
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत प्रेमाभिव्यक्ति !
ReplyDeletelatest post प्रिया का एहसास
बहुत सुन्दर वैलेंटाइन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत खूब ... प्रेम में पगे शेर हैं सभी ...
ReplyDeleteसुंदर भाव , शुभकामनायें !
ReplyDeletewaah .........
ReplyDeleteलाजवाब !
ReplyDeleteसादर
बहुत ही सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मन भावन ..
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