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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)
Saturday, January 14, 2012
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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
umda ...dard mahsus kar raha hu !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियां.
ReplyDeleteआइना भी रोता है अब तो देखो दरस को मेरी
ReplyDeleteमैंने सँवरना क्या छोड़ा उसकी रंगत बदल गयी
आईने का रोना और उसकी रंगत बदलना
बहुत कुछ कह रहा है.आपकी प्रस्तुति
मार्मिक और हृदयस्पर्शी लगी.
भावुक प्रस्तुति के लिए आभार,
बहुत खूब प्रीत
ReplyDeleteतुम ही हो जो इतना मर्म के साथ लिख सकती हो
मन को मन सा पड़ने मिला
तुम्हारा धन्यवाद
BEST POST
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आईयेगा प्रीति जी.
ReplyDeleteनई पोस्ट आज ही जारी की है.
आपके सुवचन मेरा उत्साहवर्धन करते हैं.
बहुत सुन्दर..
ReplyDeletelike it!!!!
बहुत ही सुन्दर भावो को संजोया है
ReplyDeletekam panktiyon me kafi kuch kaha aap ne....saarthk post, bdhai....pahli baar aap ke blog par aana hua,fir aana hoga,aap ko rachnaye mujhe avashy yhan bola legin is ummid ke sath ....alvida...
ReplyDeleteआइना हमेशा सच दिखाता,..
ReplyDeleteबहुत सार्थक अभिव्यक्ति सुंदर रचना,बेहतरीन पोस्ट....
new post...वाह रे मंहगाई...
बहुत सुंदर कविता। मन को छू गयी । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत खूब प्रीति जी ,,
ReplyDeleteकम शब्द गहरे भाव ...
बहुत खूब प्रीति जी!
ReplyDeleteसादर