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Tuesday, October 30, 2012

वो आये




वो  आये  लिए
नव  प्रस्फुटित
सुकोमल, सुगन्धित
पुष्प  प्रचुर.
जीवनदायी
जल  से  भरे
मेघ  सम.
संग  लाये
नृत्य  में  मगन
मयूर.
शीतल  सरिता
जल  जीवन
जीवन  जल  लिए.
छाया  प्रदान  करते
बरसों  तक  जैसे
फलदार  तरुवर
वो  आये
बसने.

3.26pm, 30/10/2012

In English- http://prritiy.blogspot.in/2012/10/came-to-stay.html

4 comments:

Thanks for giving your valuable time and constructive comments. I will be happy if you disclose who you are, Anonymous doesn't hold water.

आपने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं रचनात्मक टिप्पणी दी, इसके लिए हृदय से आभार.