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Thursday, March 14, 2013

ae dil ....ऐ दिल



दिल  का  कहा  सुन  ऐ  दिल
दिल  की  दिल  ही  है  मंजिल
तेरे  दिल  में  मेरा  दिल
मेरे  दिल  में  तेरा  दिल
दिल  की  लगी  बुझाये  बस  दिल
दिल  से  दिल न  कर  दूर  ऐ  दिल
दिल  का  कहा  सुन  ऐ  दिल
 
 4.04pm, 2/3/2013

10 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर अहसास,आभार.

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  2. बहुत सुन्दर
    कभी गर्दिशो से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ
    चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ..

    इस आस में बीती उम्र कोई हमे अपना कहे .
    अब आज के इस दौर में ये दिल भी बेगाना हुआ

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  3. बढ़िया प्रस्तुति-

    शुभकामनायें आदरेया-

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  4. वाह ... दिल ही दिल है आज तो ...
    आमीन ... इस दिल की जरूर सुने रब ...

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  5. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.

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