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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)
Wednesday, January 30, 2013
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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
लाजवाब !
ReplyDeleteबहुत ही बढ़ियाँ...
ReplyDelete:-)
Wow. Very fine, fine & meaningful presentation.
ReplyDeleteदिल के पास हैं लेकिन निगाहों से बह ओझल हैं
क्यों असुओं से भिगोने का है खेल जिंदगी।
जिनके साथ रहना हैं ,नहीं मिलते क्यों दिल उनसे
खट्टी मीठी यादों को संजोने का है खेल जिंदगी।
sunder panktiyan
Deleteshubhkamnayen
बहुत खूब ... दिल की तड़प से आगे कोन सह पाता है ...
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