जब मैं सोचूं कैसा हो सवेरा
जानूं जो तन-मन की स्फूर्ति लिए हो
जब मैं सोचूं कैसी हो मानसिकता
मन मुस्काएं, जब परम शांति लिए हो
जब मैं सोचूं हो दर्शन किसके
प्रभु तुल्य मात-पिता, और मेरे अपने के
जब मैं सोचूं बीते कैसा दिवस
कहे निर्मल हृदय सेवा, नेह से भरा हुआ
जब मैं सोचूं हो अवसान कैसा
मन में संकल्प लिए करना है बस सबका भला
अब मैं सोचूं जब हर दिवस का आव्हान, अवसान हो
होंठों पर मुस्कान हो, दूसरों के मान, दर्द का भान हो
7.20pm, 31/12/12
मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
ReplyDeleteआस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।
बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।
रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteयह वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो इसी कामना के साथ..आपको सहपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...!!!