welcome
ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)
Sunday, September 2, 2012
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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
क्या कहने
ReplyDeleteबहुत सुंदर
भगवान तो अपने बन्दों में ही रहता है ...
ReplyDeleteसच कहा है ... क्या बात है ...
खुदा का नाम लेने में तो हमसे देर हो जाती.
ReplyDeleteखुदा के नाम से पहले हम उनका नाम लेते हैं..
पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
उनकी बंदगी कर के खुदा को पूज लेते हैं..
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
उसकी रहमत की तरह इश्क से लोग अंजान हैं
ReplyDeleteha sahi kahaa aapne ...