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Wednesday, September 5, 2012

जाले - दुआ


तेरे  गम  के  जालों  पर  मरहम  लगेगा  जब
टूटन  सब  भूल  जाओगे, दिल  से  मुस्कुराओगे
2.03pm

दुआ  करो  कि  जग  सँवर  जाए
सुना  है  तेरी  दुआ  रंग  लाती  है
दूर  से  भी  कोई  दुआ  करता  जाए
सुना  है  दुआ  से  हंसी  सँवर  जाती  है
तेरी  उलझन  भी  दुआ  से  सुलझ  जाए
सुना  है  सुलझी  जिंदगी  औरों  को  महकाती  है 
10.47pm
5/9/2012

15 comments:

  1. बहुत ही बढ़िया

    सादर

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  2. दुआ मिएँ बहुत असर होता है ... स्स्च है जिंदगी भी महक जाती है ...
    बहुत खूब ...

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  3. सुन्दर कविता

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  4. आज 07/09/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की गया हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. सुलझी जिन्दगी औरों को सुलझाती है
    मैंनें अपने लिये ये लाईन यहीं पर आपकी अंतिम पंक्ति से बनाई है
    सुन्दर रचना

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  6. सुन्दर रचना....

    अनु

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  7. आज 11/09/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  8. बहुत सुन्दर रचना..

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  9. बेह्तरीन अभिव्यक्ति .

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  10. तेरी उलझन भी दुआ से सुलझ जाए
    सुना है सुलझी जिंदगी औरों को महकाती है

    yah to aap duaa kar rahi hai

    bahut khub

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आपने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं रचनात्मक टिप्पणी दी, इसके लिए हृदय से आभार.