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Thursday, April 1, 2010

तुम मंदिर क्या जाते हो



तुम मंदिर क्या जाते हो 
तुमको क्या भगवन मिलेंगे 

दर्द दिया है जो तुमने 
उनकी मूरत में दिखेंगे

क़दमों में जो सर नवाओगे 
तुमपर चढ़े श्रद्धा-फूल खिलेंगे 

दिए में जो लौ भरोगे 
अश्रु मेरे वहां चमकेंगे

मन्त्रों का जाप करोगे 
तो आहें मेरी सुनाई देंगे 

श्रद्धाजल क्या चढ़ा सकोगे 
मेरे रक्त-कण जब साथ बहेंगे

तुम मंदिर क्या जाते हो 
तुमको क्या भगवन मिलेंगे

5:23pm, 1/4/10

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