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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)
Wednesday, December 18, 2013
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ब्लॉग में आपका स्वागत है
हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
कल 20/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
प्रेम के पागल पण में जीना का मजा कुछ और ही है ...
ReplyDeleteवाह,,
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी सी रचना।।।
बहुत सुन्दर…
:-)
हाँ मैं पगली तो हूँ ये मानती आई हूँ
ReplyDeleteअब ये पागलपन हद से गुजरे तो रुखसत ले लूँ.....
पागलपन में जीना अलग है और उसकी हद से गुजरजाना अलग.जीने का मजा अलग और हद से गुजरजाना अलग आनंद देता है.एक वर्त्तमान है दूजा उम्मीद कुछ इसे सनकीपन भी मानते हैं.
सुन्दर रचना.
कोमल भावो की
ReplyDeleteबेहतरीन........
behatarin
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