सबने आज फिर याद किया एक बेबस को
बस दे दी मौखिक श्रद्धांजलि दी लाचारी को
एक दिन बस याद कर लेना, हो गई इतिश्री
ऐसे ही हर घर से रूठ चली जायेगी कान्ति, श्री
रोज कितनी दामिनियों की चमक लूटी जाती हैं
मौन खड़े रहते या इधर-उधर बचके नजर चुराते हैं
साल भर अगर करें जरा सा निर्वाह जिम्मेदारी का
न झुके सर बारम्बार चहुँ ओर बेबस हो मानवता का
@Prritiy
9.53pm, 16/12/13
बस दे दी मौखिक श्रद्धांजलि दी लाचारी को
एक दिन बस याद कर लेना, हो गई इतिश्री
ऐसे ही हर घर से रूठ चली जायेगी कान्ति, श्री
रोज कितनी दामिनियों की चमक लूटी जाती हैं
मौन खड़े रहते या इधर-उधर बचके नजर चुराते हैं
साल भर अगर करें जरा सा निर्वाह जिम्मेदारी का
न झुके सर बारम्बार चहुँ ओर बेबस हो मानवता का
@Prritiy
9.53pm, 16/12/13
बहुत सुन्दर सटीक अभिवक्ति !
ReplyDeleteनई पोस्ट चंदा मामा
नई पोस्ट विरोध
सच कहा है ... सबको अपनी अपनी जिम्मेवारी का एहसास हो तो ऐसे सर न झुके देश, समाज और काल का ...
ReplyDeleteसच कहा है .
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