बहुत बुरा लगता है जब कोई कहता है तुमने दगा दिया
तुम आकर मेरे साथ चलकर जाता दो संग हो, नही दिया
12.59 am, 31 aug, 14
आज भी तेरी आँखों को देख याद करती हूँ
कहा करती थी तुझसे भूरी आँखों वाले दगा देते हैं
तुम कहते थे मेरी आँखें भूरी नही हैं
तो फिर तुम क्यों मुझसे रूठकर दूर चले गए
11.55pm, 30 aug, 14
तुझसे गहरी प्रीत ने यह देखो क्या रंग दिखाया है
मेरी बदरंग चूनर देख जग ने चुनरी का ढेर लगाया है
कहते हैं बदल डालो कि ये चूनर का रंग फीका हो चला
कैसे कहूँ मुझे प्यारी है, उसके नेह में है आंसुओं से धुला
12.11 am, 30 aug, 14
हमने तो कहा था उन्हें हम ही बुरे हैं
अपनी खूबियों का पर्दा हम पर डाल दो
5.29pm, 26 aug, 14
आज फिर बातों ही बातों में तेरा नाम आ गया
मेरे नयन वर्षा के पश्चात पत्तों से झिलमिला उठे
11.40 am, 22 aug, 14
कहते हो तुम्हे नही था प्यार मुझसे
यही है कहा तुमने भी फिर-फिर मुझसे
जानती हूँ सब झूठ हैं ये तुम्हारी बातें
सपनों में नही थी वो हमारी मुलाकातें
6.23 pm, 31 july, 14
sundar
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteगुस्सा
गणपति वन्दना (चोका )
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteकुछ गहरे लामाट को कागज़ पर रोक दिया ... बहुत खूब ...
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