ऐसा ना हो कि ये बारिश अब थमे ना
उस दलदल में मेरा वजूद खो जाये ना
7.10pm
आँखों से बरसात छुपा तो लेंगे हम
पर दिल की जमीं अब सूखती ही नहीं
7.15pm
तेरी याद आती है तो सिहर उठते हैं हम
ना रो पाते हैं और ना मुस्कुरा पाते है हम
7.22 pm
इन आँखों से जो तुम बस गए दिल में
अब रौशनी कोई इन नजरों को भाती नहीं
7.34 pm
तुम परसों न थे, कल थे, अब दिल में हमेशा रहोगे
नफरत खुद से होगी लेकिन तुमसे बस प्यार करेंगे
7.36 pm, 8 feb 14
उस दलदल में मेरा वजूद खो जाये ना
7.10pm
आँखों से बरसात छुपा तो लेंगे हम
पर दिल की जमीं अब सूखती ही नहीं
7.15pm
तेरी याद आती है तो सिहर उठते हैं हम
ना रो पाते हैं और ना मुस्कुरा पाते है हम
7.22 pm
इन आँखों से जो तुम बस गए दिल में
7.34 pm
तुम परसों न थे, कल थे, अब दिल में हमेशा रहोगे
नफरत खुद से होगी लेकिन तुमसे बस प्यार करेंगे
7.36 pm, 8 feb 14
बहुत सुन्दर प्रीती जी...मन खुश हो गया पढ़ कर.
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