ना तुम्हे वक़्त होगा
ना हमें फुर्सत
जिन्दगानियां यूँ तो बसर होंगी
पर खालीपन से तरसेंगी
बिजली वहां भी कौन्धेगी
मेघ यहाँ भी गरजेंगे
यादों से भरी पलकें होंगी
पर बूँदें ना बरसेंगी
न गर्जन, न कम्पन,
न पंखुड़ियों की खिलखिलाहट
शब्दों का नर्तन तो होगा
पर सन्नाटे न फुस्फुसायेंगे
ना तुम बुलाओगे
ना हम पुकारेंगे
जिंदगी चली तो चलेगी
पर वीराने न जगमगायेंगे
1.38pm, 20dec,09
ना हमें फुर्सत
जिन्दगानियां यूँ तो बसर होंगी
पर खालीपन से तरसेंगी
बिजली वहां भी कौन्धेगी
मेघ यहाँ भी गरजेंगे
यादों से भरी पलकें होंगी
पर बूँदें ना बरसेंगी
न गर्जन, न कम्पन,
न पंखुड़ियों की खिलखिलाहट
शब्दों का नर्तन तो होगा
पर सन्नाटे न फुस्फुसायेंगे
ना तुम बुलाओगे
ना हम पुकारेंगे
जिंदगी चली तो चलेगी
पर वीराने न जगमगायेंगे
1.38pm, 20dec,09
खुबसूरत अभिवयक्ति......
ReplyDeleteना तुम बुलाओगे
ReplyDeleteना हम पुकारेंगे
जिंदगी चली तो चलेगी
पर वीराने न जगमगायेंगे--------
ना बुलाना और ना जाना यही तो अपनापन है
प्रेम व्यक्त करने का एक नया अंदाज
बहुत सुंदर----
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर-----
आग्रह है--- मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों--
करवा चौथ का चाँद ------
सच है जीवन चलता रहता है ... बस समय ही नहीं होता किसी के पास ...
ReplyDeleteपर ये एहसास समय बीत जाने पे होता है की क्या खोया क्या पाया ...
भावप्रवण कविता। एक शेर याद आ गया।
ReplyDeleteगुजर तो जाएगी तेरे बगैर भी लेकिन
बहुत उदास बहुत बेकरार गुजरेगी।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसमय निकालो आप कुछ, बाँटो कुछ उपहार।
ReplyDeleteअपने जीवन में करो, आशा का संचार।।
--
सुप्रभात...।
आरोग्यदेव धन्वन्तरी महाराज की जयन्ती
धनतेरस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
sundar rachna ..badhayi
ReplyDeleteजिंदगी चलेगी चलती रहेगी
ReplyDeleteबिन तेरे पर हर पल खलेगी।