कुछ तेरी नजर बदली सी है
कुछ हमने चुप्पी भांप ली है 9.42.am
जाने क्या बात है तेरी वफ़ा में
तेरे करीब आये तूने दूरी कर ली
जाने क्या बात है तेरी नजर में
मिलाई हमसे नजर नजर बदल ली
हम तुझे कैसे क्यूँ प्रमाण-पत्र देंगे
तेरे बदलते वादों इरादों ने साक्षी दी
एक पल को दुनिया भुलाई नेह से भर दिया
फिर दुनिया की रंगीनियों ने नियत बहका दी
वफ़ा की कसमों से किया बरी थी कभी तूने ली
जा हमने तेरे परों को उड़ जाने की स्वछंदता दी
11.58 am
हम चुप चाप चले जायेंगे तेरी दुनिया से
जैसे कभी तेरी पलकों तले स्वप्न न पले थे
12.12 pm, 8/8/13
आपके ब्लॉग का कलेवर बेहद खूबसूरत है जी । सरल सुंदर रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं आपको । लिखती रहें
ReplyDeletewaah bahut komal bhav
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना
ReplyDeletelatest post: यादें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
कल 16/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
bahut sundar...bhavpurn rachna...
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