क्यूँ
बुने
सपने
मैंने
तेरी
पलकों
तले
क्यूँ मेरे नैनों में तुम चमक बन जले
क्यूँ चाहें हो खुशियों भरी तेरी जिंदगी
क्यूँ हो जाती है तुम बिन सूनी जिंदगी
क्यूँ चाहें हो सदा तेरे होंठों पर हंसी
क्यूँ खोये तेरे बिन जीवन की ख़ुशी
क्यूँ नहीं भाती है तेरे बिना ये जिंदगी
क्यूँ लगे अब विदा ले जाये ये जिंदगी
क्यूँ मेरे नैनों में तुम चमक बन जले
क्यूँ चाहें हो खुशियों भरी तेरी जिंदगी
क्यूँ हो जाती है तुम बिन सूनी जिंदगी
क्यूँ चाहें हो सदा तेरे होंठों पर हंसी
क्यूँ खोये तेरे बिन जीवन की ख़ुशी
क्यूँ नहीं भाती है तेरे बिना ये जिंदगी
क्यूँ लगे अब विदा ले जाये ये जिंदगी
2.25pm, 9sept, 13
भावपूर्ण रचना...
ReplyDelete:-)
प्रेम के बिना सब कुछ अधूरा ही नजर आता है ...
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