11201 steps we walked together, heartfelt thanks
मिलता रहे यूँ स्नेह बारम्बार
11201 कदम साथ चले आभार
हमने जब चाहा टूट कर चाहा सच है ये भी
पर तुमसे न तब कह पाए न कह पाएंगे कभी [2.30pm]
पर तुमसे न तब कह पाए न कह पाएंगे कभी [2.30pm]
तुम कर लो मुझसे मेरी ही शिकायत
न कहूँगी कभी, है बेजा तेरी ये शिकायत [3.18pm]
मेरी खामोशियों को तुमने, सच, है जाना
मैं जानूं और तुम भी, पर दोनों ने ना माना [3.35pm]
वो कहते हैं तुमको मोहबत हो ही नही सकती
भूलते हैं उनकी मोहब्बत तो हमसे रोशन है होती [11.29pm]
भूलते हैं उनकी मोहब्बत तो हमसे रोशन है होती [11.29pm]
हम तो दूर रहकर भी तेरे साथ हैं
तेरे छिले क़दमों तले सदा मेरे हाथ हैं [ 11.41pm]
तेरे छिले क़दमों तले सदा मेरे हाथ हैं [ 11.41pm]
न कुछ कह पाऊँ तेरी मोहब्बत की तहरीर पर
अश्क हैं कि रुकते नहीं, होंठ हैं कि हिलते नहीं [11.49pm]
अश्क हैं कि रुकते नहीं, होंठ हैं कि हिलते नहीं [11.49pm]
25/8/2012
हम तो दूर रहकर भी तेरे साथ हैं
ReplyDeleteतेरे छिले क़दमों तले सदा मेरे हाथ हैं
बहुत ही बढ़िया प्रीति जी ।
सादर
sabdo ka chayan aur unhe pirone ki saili bahut hi sundar hai,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रीति जी ।
ReplyDeleteतुम कर लो मुझसे मेरी ही शिकायत
ReplyDeleteन कहूँगी कभी, है बेजा तेरी ये शिकायत ..
बहुत खूब ...
उनकी शिकायत पे भि खामोश रहना
प्रेम में ये सितम हंस से सहना ....
क्या बात है लाजवाब वक्त के लम्हे सभी ...
बहुत सुंदर
ReplyDeleteतुम कर लो मुझसे मेरी ही शिकायत
न कहूँगी कभी, है बेजा तेरी ये शिकायत
क्या बात
काबिल-ए-तारीफ भावनाएं । स्वागत है।
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