मेरी इबादतें मेरी दुआ में शामिल तू हरपल है
लोग कहते हैं तेरे चेहरे के नूर में दुआ रोशन है
10.32pm, 11/2/2013
भरोसा किया है तो ऐ दिल न डर बिछोह से
सुनते हैं प्यार वैसे ही ठहर जाता है बिछोह में
2.20pm, 12/2/2013
बूंद जो आसमान से बरस कर मिटटी में मिल जाये
वहीँ बूंद फिर जीवन के रूप में फसलों में लहलहाए
8.50pm
चेहरे की उदासी में एक लकीर देखी मुस्कराहट की
छिपी है बदली में पर फिर आएगी रुत मोहब्बत की
10.31pm
13/2/2013
बहुत खूब!!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति!!
...बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!
बढ़िया है आदरेया -
ReplyDeleteशुभकामनायें-
बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!बेहतरीन अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteबढिया बहुत सुंदर
ReplyDeleteफिर आएगी रुत मोहब्बत की........इस पंक्ति में सार है। शुक्रिया सुंदर रचना के लिए।
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
चेहरे की उदासी में एक लकीर देखी मुस्कराहट की
ReplyDeleteछिपी है बदली में पर फिर आएगी रुत मोहब्बत की
आशा और विश्वास की सुन्दर रचना, शुभकामनाएँ.
लोग कहते हैं तेरे चेहरे के नूर में दुआ रोशन है
ReplyDeleteप्रेम का महीन अहसास--सुंदर
bahut achchhaa
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