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Tuesday, November 20, 2012

aaina





वो आईना दिखाने आईना बनकर मेरे सामने आये
पगली को आईने में अब कहाँ अपनी सूरत नजर आये

4.3opm, 20/11/2012

7 comments:

  1. आइने को आइना दिखाने वाली बात हो गई
    वेबतरीन पंक्तियां..........शुभकामनाएं।

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  2. अंदाज अपना आइने में देखते हैं वो
    और ये भी देखते हैं कोई देखता ना हो..

    बहुत सुंदर

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  3. क्या बात है लाजवाब
    अरुन शर्मा - www.arunsblog.in

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  4. वो आइना दिखाने आइना बनकर मेरे सामने आये
    पगली को आइने में अब कहां अपनी सूरत नजर आये

    आहाऽऽहा …

    प्र्रीति जी
    प्रेम में एकाकार हो जाने का भाव और ही लोक का दिग्दर्शन करा रहा है…
    मेरा मुझमें कुछ नहीं … … …
    आनंदम् ! परमानंदम् !!

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  5. बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .

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  6. pagali ko apni nahi unki surat nazar aaye ..tabhi to vah pagali kahlaayegi ..waah sundar bhav ..badhaaii ..

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