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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.
आइने को आइना दिखाने वाली बात हो गईवेबतरीन पंक्तियां..........शुभकामनाएं।
अंदाज अपना आइने में देखते हैं वोऔर ये भी देखते हैं कोई देखता ना हो..बहुत सुंदर
waah kya baat hai..:-)
क्या बात है लाजवाब अरुन शर्मा - www.arunsblog.in
वो आइना दिखाने आइना बनकर मेरे सामने आयेपगली को आइने में अब कहां अपनी सूरत नजर आये आहाऽऽहा … प्र्रीति जी प्रेम में एकाकार हो जाने का भाव और ही लोक का दिग्दर्शन करा रहा है… मेरा मुझमें कुछ नहीं … … … आनंदम् ! परमानंदम् !!
बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .
pagali ko apni nahi unki surat nazar aaye ..tabhi to vah pagali kahlaayegi ..waah sundar bhav ..badhaaii ..
Thanks for giving your valuable time and constructive comments. I will be happy if you disclose who you are, Anonymous doesn't hold water.आपने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं रचनात्मक टिप्पणी दी, इसके लिए हृदय से आभार.
आइने को आइना दिखाने वाली बात हो गई
ReplyDeleteवेबतरीन पंक्तियां..........शुभकामनाएं।
अंदाज अपना आइने में देखते हैं वो
ReplyDeleteऔर ये भी देखते हैं कोई देखता ना हो..
बहुत सुंदर
waah
ReplyDeletekya baat hai..
:-)
क्या बात है लाजवाब
ReplyDeleteअरुन शर्मा - www.arunsblog.in
वो आइना दिखाने आइना बनकर मेरे सामने आये
पगली को आइने में अब कहां अपनी सूरत नजर आये
आहाऽऽहा …
प्र्रीति जी
प्रेम में एकाकार हो जाने का भाव और ही लोक का दिग्दर्शन करा रहा है…
मेरा मुझमें कुछ नहीं … … …
आनंदम् ! परमानंदम् !!
बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको .
ReplyDeletepagali ko apni nahi unki surat nazar aaye ..tabhi to vah pagali kahlaayegi ..waah sundar bhav ..badhaaii ..
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