तुम नहीं तो क्या दीवाली
कहाँ मिठास मिष्ठान्न में
ना स्वाद किसी पकवान में
ना स्वाद किसी पकवान में
रुचिकर लगे ना मुझे श्रृंगार
न मन भाए कोई वस्त्र विचार
न मन भाए कोई वस्त्र विचार
गूंजते पटाखों का लगे बस शोर
उल्लास नहीं उत्सव में किसी और
उल्लास नहीं उत्सव में किसी और
क्या झिलमिलाएंगी सजायी बिजली की लड़ियाँ
क्या टिमटिमाएँगी दीपों की अवलि की बातियाँ
तुम नहीं साथ तो चुप हैं वो सारे मधुर मंगल गीत
मनाएं त्यौहार, हों खुश कैसे, तुम बिन मेरे मनमीत11.45pm, 2 nov, 13
bahut khub
ReplyDeleteसच है पीया बिन कैसी दिवाली ... भावपूर्ण ...
ReplyDeleteउम्दा...बहुत-बहुत बधाई...
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