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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Thursday, April 7, 2011

हृदय को बसेरा बनाए हैं


तुम्हारे शब्द मौन, पर
मेरे
कानों में गुनगुनाते हैं
स्पर्श
ठहरे पवन मानिंद, पर
मुझे
गर्माहट से भर जाते हैं

हैं
नहीं बाहें मुझे थामे, पर
जीवन
संघर्ष में साथ ही हैं
कदम
नहीं चल रहे संग, पर
सह
-कदम चल रहे हम साथी हैं

नयनों
को है नहीं दरस, पर
नैनों
में हर क्षण समायें हैं
नहीं
हैं वो करीब मेरे, पर
हृदय को बसेरा बनाए हैं
translated on 2 April, 2011
read in English - http://prritiy.blogspot.com/2011/03/you-with-me.html

Monday, April 4, 2011

went missing


you went missing
no reminiscing?
did it never strike
feelings, walled by dike?

wilted is bud, once bloomed
bliss on the face, doomed
the stars that joyously twinkled
now a memory, how sparkled

dark, the colour of sky
earth's tears, never dry
mountain hides stream
affection, now dream

darkness leaves skies

far, the sun does rise
but living seemingly vain
happiness, O! a feign!

translated 3 apr, 2011
[हिंदी रूपांतरण - http://prritiy.blogspot.com/2011/04/1019-pm-3122010.html]

सूनी सगरी नगरी है




तुम चले तो गए
क्या पीछे छोड़ गए
क्या कभी ना सोचा होगा
दिल, ना जाना होगा?

वो फूल जो खिला तुमसे

वो चेहरा जो दमका तुमसे
वो मचलते दमकते तारे
तुम बिन खोये सारे

गगन है अब गहरा नीला

है धरा का आँचल गीला
शैल है छुपाये जल
प्रीत के खोये पल

सुबह अब भी होती है

रात लालिमा खोती है
पर सूनी सगरी नगरी है
और जीवन खाली गगरी है

10:19 pm, 3/12/2010
(English Translation-http://prritiy.blogspot.com/2011/04/you-went-missing.html)