तुम्हारे शब्द मौन, पर
मेरे कानों में गुनगुनाते हैं
स्पर्श ठहरे पवन मानिंद, पर
मुझे गर्माहट से भर जाते हैं
हैं नहीं बाहें मुझे थामे, पर
जीवन संघर्ष में साथ ही हैं
कदम नहीं चल रहे संग, पर
सह -कदम चल रहे हम साथी हैं
नयनों को है नहीं दरस, पर
नैनों में हर क्षण समायें हैं
नहीं हैं वो करीब मेरे, पर
हृदय को बसेरा बनाए हैं
translated on 2 April, 2011
read in English - http://prritiy.blogspot.com/2011/03/you-with-me.html