तनहा हैं हम, अपना दर्द अब किसको सुनाएं
आईने में भीगी पलकों से सूरत भी नही दिखती
11.58am, 2 feb 14
देखा तुमने आज मेरी हालत ये है कि
लोगों से खुशियां की दुआ भी नहीं लेती
तुम्हारे बिन मेरे लिए खुशियां किस काम की
10.12pm, 11 may, 14
दुआएं भी अब देखो कम पड़ रही हैं
मेरी खता मेरी मोहब्बत से बड़ी हो गई
11:59am, 12 may, 14
बहुत बुरा होता है सफर
जब तुम्हारे शब्द
मेरे साथ नही होते
5.13am, 21 may, 14
मेरी पलकों में जो ये आंसू ठहरे हैं
कभी तेरे प्यार की ख़ुशी के हुआ करते थे
आज क्यों ये इतने दर्द की गहराई में डूबे हैं
दूर हुए तो मेरी मुश्किल होगी, कहते ना थकते थे
आज इस कदर दूरी की, मेरी आहें भी ना सुनते हैं
2.22pm, 24 may, 14
है तुम्हारे लिए आसान कहना
गुजरा भूल एक नई शुरुआत करो
.
मेरे सारे पल तो वहीँ ठहर मूरत हो गए
.
उन मूरत में समाई मेरी आत्मा है
वो खंडित हुए तो आत्मा बेघर हो जाएगी
4.09pm, 24 may, 14
बुझे हैं आस के चिराग
मन ये ले चला है वैराग
लौट के आऊँ द्वार नही किये बंद
बस उसकी पुकार दे सकेगी आनंद
11.24 am, 25 may, 14
उसका जिक्र आते ही होठों पर मुस्कान आ जाती है
देखो आज भी उसका जादू मेरे सर चढ़कर बोलता है
11.11pm, 28may, 14
किसी से मोहब्बत क्या की हमने
नींद भी उनकी सपने भी उनके हो गए
जबसे ठुकराया है हमको उन्होंने
फिर नींद तो खोई, सपने भी खो गए ..
11.26pm, 28may,14