मुखरित मैं मिलकर तुमसे
मुखरित मेरी संपूर्ण सृष्टि तुमसे
मुखरित धरा धानी चुनर ओढ़े हुई
मुखरित चंचल चिड़िया चहचहाईं
झंकृत हृदय हृद्गत हुआ तुमसे
झंकृत पायल प्रफुल्ल पांवों में
झंकृत झड़ी झमझमाती झड़ी
झंकृत झींगुर झांयझांय भी लगी
हर्षित मन में मनहर मधुरता
हर्षित मुख मधुसंकाश मनकरा
हर्षित झूमे तरु तटिनी तट पर
हर्षित भ्रमर भौंराए भौम्यपुष्प
पर
पल्लवित हरियाली हरे हृदयाग्नि को
पल्लवित पद्मिनी पुकारे पद्म्बंधू को
पल्लवित पुष्प पत्रों से पंथी पंथ
पल्लवित सुंदर सपने सारे संगी संग
मुखरित स्वर से सुर झंकृत
झंकृत वाणी विहसित हर्षित
हर्षित हो हृदयपुष्प पल्लवित
पल्लवित जीवन जीव मुखरित
4.01pm, 8/4/2013