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हृदय के उदगारों को शब्द रूप प्रदान करना शायद हृदय की ही आवश्यकता है.

आप मेरी शक्ति स्रोत, प्रेरणा हैं .... You are my strength, inspiration :)

Wednesday, May 30, 2012

मैं चली जाऊं

अब  मैं  दूर  चली  जाऊं  मुझसे 
कि  अब  मेरी  जिंदगी  जिंदगी  नहीं
ये  आंसू  तो  बहते  हैं  आँखों  से
पर  दिल  दिमाग  में  कोई  हलचल  नहीं 

हर  तम्मना  को  ख्वाब   बना  डाला  है
हर  ख्वाब  को  भुला  कर  अब  यूँ  ही  चली  हूँ
 
जमीनों  पर  एक  नहीं  तो  दूजा  रास्ता  बना  है
पर  सच  कहा  तुमने  जमीन  पर  पाँव  नहीं  रखे  हूँ

10.55pm, 29/5/2012

Wednesday, May 23, 2012

मैंने तो बस यूँ ही



ये मेरी दूसरी रचना "तुम कहो" के लिए दिया गया स्वयं का उत्तर है ---

तुम  मुझे  कोई  जवाब    देना 
अपने  भाव  शब्दों  में  ना  ढालना 
प्रश्नों  के  जाल  में  उलझे  हुए  हो 
सच  की  सच्चाई  से  डरे  हुए  हो 
क्या, कैसे  हुआ, सोच  सब  बंद  है 
दिल  दिमाग  में  चल  रहा  द्वंद्व  है 

तुम  स्वयं  को  परेशान    करना 
अपने  सच  का  सामना    करना 
नेह-पंखुड़ियों  को  कसकर जब  भींचे  हुए  हो 
क्यूँ  अधखुला  देखने  की  सोच  लिए  हुए  हो  
प्रीत  और  स्वयं  का  सत्य  तुम्हे  ज्ञात  है 
जग  के  पाश  खोलना, ना  बस  की  बात  है 

मैंने  तो  बस  यूँ  ही  तुमसे  पूछ  लिया  था 
आँधियों  में  सोच  का  दिया  जला  लिया  था 



12.12pm, 16/5/2012

Tuesday, May 15, 2012

You Tell







 

If I say dawn has not arrived
Will you light my world like the sun

If I say there is no moon in my sky
Will you give moonlight-like, your words

If I say the clouds rained, yet not
Will you shower affection on my burning heart

If I say tears are drowning my life-boat
Will you become sailor, row it over to banks

If I say my hopes have dashed down
Will you burn the lamp of hope for me

If I say my dreams have scattered
Will you fill your dreams in my eyes

If I say I lost the strength in my legs
Will you show your destination, make me walk

If I say my soul is tarnished
Will you cleanse it, devotee soul

If I say I am no longer pure
Will you touch to make this iron ‘gold’

If I say I am losing the life
Will you be my life, make me victorious

If I say open the chains, come to me
Will you come in my arms, be mine forever
 11.25am, 15 may, 2012

 

तुम कहो





जो  मैं  कहूँ  तुमसे  सवेरा  नहीं  हुआ
क्या  तुम  अवि  सम  प्रकाश  भर  दोगे

जो  मैं  कहूँ  तुमसे  चाँद  मेरे  नभ  में    छाया
क्या  तुम  अपनी  शब्द -चाँदनी मेरे  आँगन  कर  दोगे

जो  मैं  कहूँ  ये  बदल  बरसकर  भी  ना  बरसे  हैं
क्या  तुम  मेरे  तप्त  हृदय  में  स्नेह -वृष्टि  करोगे

जो  मैं  कहूँ  तुमसे  आंसू  में  डूब  रही  है  जीवन -नैया
क्या  तुम  क्या  तुम  खिवैया  बन  मुझे  पार  लगा  दोगे

जो  मैं  कहूँ  तुमसे  टूट  रही  मेरी  आस  पल -पल
क्या  तुम  आशा  का  दीपक  मेरे  लिए  जला  दोगे

जो  मैं  कहूँ  सपने  मेरे  बिखेर  गए  हैं
क्या  तुम  अपने  स्वप्न  मेरे  नैनों  में  भर  दोगे

जो  मैं  कहूँ  मेरे  पैरों  में    रहा  कोई  बल
क्या  तुम  अपनी  मंजिल  का  पता  दे  गति  दोगे

जो  मैं  कहूँ  कलुषित  हो  गई  मेरी  आत्मा
क्या  तुम  अपनी  भक्ति  के  जल  से  धो  दोगे

जो  मैं  कहूँ  तुमसे  स्वच्छ    रह  पाई  हूँ  मैं
क्या  तुम  स्पर्श  कर  लोहे  को  कुंदन  बना  दोगे

जो  मैं  कहूँ  तुमसे  हारने  लगी  हूँ  जीवन  से
क्या  तुम  मेरा  जीवन  बन  मुझे  विजयी  कर  दोगे

जो  मैं  कहूँ  जग  के  तमाम  नियम, पाश  खोल  चले  आओ
क्या  तुम  मेरे  सानिध्य  सदा  के  लिए  मेरा  बनकर  आओगे
10.22am, 15/5/2012

Friday, May 4, 2012

Sheets still Blank



with various colors
on colorful sheets
with brighteners
full of eye treats

showed my caring
tried never to hurt
words of longing
poured out my heart

loneliness, i bore
life, just waiting
rebukes galore
smiles, kept waiting

shapes disfigured
not understood, light
words uncolored
sheets blank, white

1.18am, 4/5/2012