तेरा मेरा रिश्ता
पल-पल बदलता
पर एक स्थायित्व लिए
पतझड़ छाया बहार आई
नैनो ने सरिता भी बहाई
पर दिल रहा आस लिए
तुमसे शिकायतें कही
कई पल रूठी रही
पर तुम रहे मुस्कान दिए
तेज आंधी भी आई
जुदाई का संदेसा लाई
पर प्रीत रही विश्वास लिए
हर जंग में नया रंग आता
हर नर्तन में निखरता जाता
नेह-दीप रहा आलोकित किये
7:14pm, 14/3/10
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