tag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post7750696685817462055..comments2023-10-30T18:02:59.802+05:30Comments on .... PRRITIY प्रीति: MUJHE NA DO JANM MA - मुझे ना दो जन्म माँ prritiy----snehhttp://www.blogger.com/profile/15786805769915315081noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-23661506753284405222012-12-29T02:29:11.497+05:302012-12-29T02:29:11.497+05:30♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगबल...<b> </b> <br /><b> </b> <br />♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥</a></b><br />♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥<br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> हूँ मैं भोग्या देह यहाँ <br />आत्मा का मेरी मोल कहाँ </b> <br />आऽह ! <br />हे भगवान ! क्या हो गया है संसार को ?<br /><br /><b> आदरणीया प्रीति स्नेह जी </b><br /><b> </b> देखते-सुनते तो हैं चारों ओर यही हो रहा है... <br />हालांकि सभी को एक ही तकड़ी में नहीं तौला जा सकता । <br /><b> </b> <br /><br />मैंने एक गीत में कहा है -<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/2011/03/blog-post_08.html" rel="nofollow">औरत को खेती कहने वालों ! शर्म करो तुम डूब मरो !<br />मां पत्नी बेटी बहन देवियां हैं ; चरणों पर शीश धरो !! <br />अब यह कोई भी ना समझे , कि ‘नारी पुरुष की जूती है’<br />हम धूल नहीं पैरों की ऊंचे चांद-सितारे छूती हैं !!</a></b><br /> समय मिले तो यह लिंक देख लीजिएगा । <br /><br />मेरी ताज़ा पोस्ट पर तो पधारिएगा ही ...<br />:)<br /><b> </b><br />आपकी लेखनी से सदैव सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन हो …<br /><b>नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br />◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-85216151429454955202012-12-24T17:40:37.954+05:302012-12-24T17:40:37.954+05:30पुरुष होने पे लजा आती है ... आज बेटियों को ऐसा लिख...पुरुष होने पे लजा आती है ... आज बेटियों को ऐसा लिखा पड़ रहा है ...<br />सामयिक रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-79564029246689810682012-12-24T13:43:56.823+05:302012-12-24T13:43:56.823+05:30सशक्त रचनासशक्त रचनाMadan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-34474671285051808132012-12-24T09:51:01.054+05:302012-12-24T09:51:01.054+05:30पिता की छाया हुई असुरक्षित
भाई ने ही किया ...पिता की छाया हुई असुरक्षित<br />भाई ने ही किया संग कलंकित<br />सखा ने मैत्री डोर की दूषित<br />तेरी पुत्री है डरी, सहमी कम्पित<br /><br />हूँ मैं भोग्या देह यहाँ<br />आत्मा का मेरी मोल कहाँ<br />नहीं जीते जी मरना माँ<br />मुझे ना दो जन्म माँ खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-1312857200285407402012-12-24T08:00:12.931+05:302012-12-24T08:00:12.931+05:30सोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना ! सादर !
सोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना ! सादर !<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-34309857504171446952012-12-24T07:07:41.377+05:302012-12-24T07:07:41.377+05:30"नहीं वो जंगल का भूखा शेर
ना ही कोई गिद्ध उतर..."नहीं वो जंगल का भूखा शेर<br />ना ही कोई गिद्ध उतरा तेरी मुंडेर<br />न जलचर, नभचर न कंटीली बेर<br />हाँ तेरे ही बेटों ने किया ये अंधेर"<br /><br />Anonymousnoreply@blogger.com