tag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post1994403925659936279..comments2023-10-30T18:02:59.802+05:30Comments on .... PRRITIY प्रीति: dil bhaar aaya hai ...दिल भर आया है prritiy----snehhttp://www.blogger.com/profile/15786805769915315081noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-17497976847817932042013-03-08T19:25:01.480+05:302013-03-08T19:25:01.480+05:30लाजवाब रचना...बहुत बहुत बधाई...
लाजवाब रचना...बहुत बहुत बधाई...<br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-30970741800637109502013-03-08T12:35:34.058+05:302013-03-08T12:35:34.058+05:30प्रीती जी, सादर अभिवादन
आज पहली बार आपके ब्लॉग तक...प्रीती जी, सादर अभिवादन<br /><br />आज पहली बार आपके ब्लॉग तक पहुंचा। बहुत खूबसूरती से दिल के उदगार लफ़्ज़ों में सज़ा कर पेश किये हैं आपने। आपकी रचनाएँ पढ़ कर ही लगता है की आप स्वांत सुखाय के लिए सृजन करती हैं। सभी शब्द दिल की गहराइयों से निकले हुए लगते है। बहुत बहुत बधाई आपको इस सृजन कर्म की। आशा है भविष्य में भी ये क्रम अनवरत रहेगा।<br /><br />कभी समय निकाल कर मेरी भी टेडी मेढ़ी लकीरों पर निगाह डालियेगा ...शायद कुछ पसंद आ जाये और मेरा हौसला तो बढेगा ही। बहुत आभार।<br /><br />और हाँ ...महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।<br />Akhilhttps://www.blogger.com/profile/02906391757168902303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-87263693323766967502013-03-06T21:02:49.852+05:302013-03-06T21:02:49.852+05:30शानदार कोशिश, भाव उद्वेलित हैं शब्द बनने को श्रृंख...शानदार कोशिश, भाव उद्वेलित हैं शब्द बनने को श्रृंखला बनने को , उन्हें समतल क्षितिज का आयाम दे दो ...<br /> गहरे भाव की अभिव्यक्ति .........बोधगम्य सृजन ..udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-26150435549387726552013-03-06T20:52:52.307+05:302013-03-06T20:52:52.307+05:30वाह! बहुत सुन्दर और सरस. आपकी प्रस्तुति का ढंग भी ...वाह! बहुत सुन्दर और सरस. आपकी प्रस्तुति का ढंग भी लाजवाब है.<br />शुक्रिया<br />नीरज'नीर'<br />मेरी नयी कविता का लिंक<br /><a href="http://kavineeraj.blogspot.in/2013/03/blog-post_6.html#links" rel="nofollow">KAVYA SUDHA (काव्य सुधा): आसमां रंग बदलता है</a>Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-26168757763852768252013-03-06T14:14:53.273+05:302013-03-06T14:14:53.273+05:30राग हूँ पर होंठों का गीत हूँ नही
हाथ थामे चलते हैं...राग हूँ पर होंठों का गीत हूँ नही<br />हाथ थामे चलते हैं पर साथ हूँ नही<br />याद दिला कर अपनी मुझे भुलाया है<br /><br />चांदनी हूँ श्वेत पर हृदय में शीतलता है नही<br />रोशनी में डूबी हूँ मन में फैला उजियारा है नही<br />फिर बादलों सा उमड़-घुमड़ कर दिल भर आया है <br />बहुत सुंदर .<br />Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-4068281430203063262013-03-06T09:19:05.297+05:302013-03-06T09:19:05.297+05:30भावपूर्ण बहुत सुन्दर नज़्मभावपूर्ण बहुत सुन्दर नज़्मअज़ीज़ जौनपुरीhttps://www.blogger.com/profile/16132551098493345036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-45159436818572764512013-03-05T14:38:12.845+05:302013-03-05T14:38:12.845+05:30राग हूँ पर होंठों का गीत हूँ नही
हाथ थामे चलते है...राग हूँ पर होंठों का गीत हूँ नही <br />हाथ थामे चलते हैं पर साथ हूँ नही <br />याद दिला कर अपनी मुझे भुलाया है ...<br /><br />जब प्रेम की खुमार में होते अहिं तो ऐसा ही होता है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1269349266695611944.post-28772366079412521012013-03-05T10:01:55.598+05:302013-03-05T10:01:55.598+05:30शुक्रिया प्रीती . मेरी कविता को पसंद करने के लिए ...शुक्रिया प्रीती . मेरी कविता को पसंद करने के लिए <br />आपकी ये नज़्म पढ़ी . बहुत सुन्दर लिखा है .. बधाई स्वीकार करिए <br />प्रेम के कई शेड्स है इसमें. शब्द भावपूर्ण है .<br /><br />विजय <br />www.poemsofvijay.blogspot.in vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.com